आयुष्मान खुराना कुछ ऐसे चुनिंदा ऐक्टर्स में से एक हैं जिन्होंने अपने दम पर बॉलीवुड में अपना एक मुकाम हासिल किया है आयुष्मान खुराना ने अपने फ़िल्मी करियर में कई ऐसी फिल्मे दी हैं बॉक्सऑफिस पर सुपरहिट साबित हुईं आयुष्मान खुराना ने अपने फ़िल्मी करियर में ज्यादातर Comedy Drama फ़िल्में की हैं
जिनमे से उनकी कुछ फ़िल्में हिट साबित हुई आयुष्मान खुराना की एक नई फिल्म आयी है जिसका नाम An Action Hero ये फिल्म नाम से ही एक एक्शन फिल्म लगती हैं पर इस फिल्म में एक्शन के साथ साथ कॉमेडी भी देखने को मिलती हैं आज हम आपको आयुष्मान खुराना की नई फिल्म (Ayushmann Khurrana New Movie) An Action Hero) के बारे में बताएंगे और इसके साथ An Action Hero फिल्म की कहानी के बारे में भी बताएंगे।
An Action Hero
फिल्म An Action Hero में Ayushmann Khurrana के साथ Jaideep Ahlawat भी नजर आये है इस फिल्म को Anirudh Iyer के डायरेक्ट किया है और फिल्म की कहानी Anirudh Iyer ने खुद लिखी हैं An Action Hero को 02 December 2022 को रिलीज कर दिया गया है फिल्म को भारत में 1200+ स्क्रीन पर रिलीज किया गया हैं।
Hindi Explanation
अच्छा लगता है जब कोई अदाकार अपनी इमेज के विपरीत जाकर पूरे आत्मविश्वास से उस तरह की भूमिकाओं में एक्सपेरिमेंट करता है, जो उसके लिए चुनौतीपूर्ण हों। इस चुनौती पर इस बार एन एक्शन हीरो के जरिए खरे उतरे हैं समर्थ अभिनेता आयुष्मान खुराना। निर्देशक अनिरुद्ध अय्यर अपनी इस फिल्म में मनोरंजन की रोलर-कोस्टर राइड तो है ही साथ-साथ आज के सेलेब्रिटी कल्चर और मीडिया पर कटाक्ष भी है। मजेदार बात ये है कि फिल्म देखते हुए कहीं न कहीं ये महसूस होता है कि फिल्म के अंदर एक और फिल्म चल रही है।
असल में कहानी दिखने में जितनी सिंपल लगती है, उतनी है नहीं। देश का सुपर स्टार और यूथ आइकन मानव(आयुष्मान खुराना) के पास जितना स्टारडम है, उससे कहीं ज्यादा पैसा भी है। उसकी जिंदगी और करियर उस वक्त एक अनचाहा मोड़ ले लेती है, जब हरियाणा में अपनी एक फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई तू-तू, मैं मैं में उसके हाथों इलाके के बाहुबली और नेता भूरा (जयदीप अहलावत) के दबंग भाई विकी की मौत हो जाती है। मीडिया ट्रायल और कोर्ट के पचड़ों से बच कर खुद को निर्दोष साबित करने के लिए मानव चार्टर प्लेन से लंदन भाग जाता है।
मगर यहां हरियाणा में भाई की मौत का बदला लेने को तड़प रहा भूरा भी मानव के पीछे -पीछे लंदन आ धमकता। उसका बस एक ही लक्ष्य है, मानव को अपने हाथों से मारना। कल तक जो मानव देश का हीरो था, आज उसे अपने ही देश में क्रिमिनल और भगोड़ा साबित कर दिया जाता है। पूरी निगेटिविटी के साथ उसका मीडिया ट्रायल शुरू हो जाता है और उसके खिलाफ जगह-जगह पर प्रदर्शन और विरोध होने लगते हैं। अब मानव क्या करेगा? उसे उसका खोया हुआ स्टारडम वापस मिल पाएगा? क्या वो भूरा के खौफनाक इरादों से बच पाएगा या किसी और जाल में जा फंसेगा, ये हम आपको नहीं बता सकते, इनका जवाब आपको फिल्म में मिलेगा।
निर्देशक अनिरुद्ध अय्यर की कहानी देखने में भले प्रतिशोध की लगे, मगर वास्तव में फिल्म में कई लेयर हैं, जो सरकास्म के साथ-साथ मनोरंजन का डोज भी देते हैं। मीडिया ट्रायल, बॉयकॉट ट्रेंड, स्टार सिस्टम जैसे मुद्दों पर ये करारा व्यंग करती है। डायरेक्टर स्मार्ट ढंग से हीरो को एक ऐसी स्थिति में ला खड़ा कर देता है, जो पात्रों के साथ-साथ दर्शकों के लिए भी अनप्रिडिक्टिबल है और यही कथानक का मजा है। हालांकि वे प्लॉट को डेवलप करने में थोड़ा वक्त जाया जरूर करते हैं। अनिरुद्ध ने नीरज यादव के साथ फिल्म लिखी है और ये चुटीले डायलॉग के साथ -साथ रसदार है। फिल्म अपने शीर्षक के मुताबिक एक्शन का रोमांचक डोज परोसती है।
जिन्हें एक्शन से परहेज है, उन्हें इस फिल्म का एक्शन ओवर लग सकता है। कई सीक्वेंस नाटकीय भी लग सकते हैं, मगर अंत में वे मनोरंजन के पैमाने पर फिट बैठते हैं। कौशल शाह की सिनेमेटोग्राफी में जान है। लंदन में फिल्माए गए चेजिंग और एक्शन सीक्वेंस थर्रा देने वाले हैं। साथ ही उन्होंने लंदन की खूबसूरती को बखूबी कैमरे में कैद किया है। निनाद खानोलकर फर्स्ट हाफ को अपनी एडिटिंग से थोड़ी कसावट दे सकते थे। सनी एम.आर का बैकग्राउंड स्कोर थ्रिल में इजाफा करता है। संगीत की बात करें, तो फरीदकोट और राजश्री सन्याल के गाने अच्छे बन पड़े हैं। नोरा फतेही का गाना ‘जेड़ा नशा’ वैल्यू एड करता है।
एन एक्शन हीरो मानव की दुनिया है और मानव के रूप में आयुष्मान खुराना उस दुनिया ही नहीं बल्कि अपने एक्शन अवतार को भी विश्वनीय बनाते हैं। उन्हें हैरतअंगेज स्टंट करते हुए देखना एक विजुअल ट्रीट साबित होता है। एक स्वाभिमानी स्टार जो एक पॉइंट के बाद आम-सी लाचार जिंदगी जीने को मजबूर है, मगर हार मानने को नहीं। ‘एक्शन हीरो हूं, ताकत का इस्तेमाल लास्ट में करता हूं’ जैसे डायलॉग बोलने वाले आयुष्मान अंत में मानव के डार्क साइड को दर्शाना नहीं भूलते। भूरा के रूप में जयदीप अहलावत के चरित्र में डेप्थ की कमी जरूर है, मगर उनका हरियाणवी लहजा और बॉडी लैंग्वेज धमाकेदार है।
खलनायक के रूप में उन्हें नायक के साथ बराबरी का स्क्रीन स्पेस मिला है। फिल्म की एक और खास बात है कि फिल्म में हीरोइन नहीं यही, मगर उसकी कमी महसूस नहीं होती।सहयोगी कास्ट भी कम दिलचस्प नहीं हैं। हरियाणा के पुलिस अफसर बने कलाकार ने पहले भाग में अपने सटायर और कॉमिडी से खूब हंसाया है।